ऊना (हिमाचल) का नाम ऊना कहाँ से आया ?
ऊना (हिमाचल) का नाम ऊना कहाँ से आया ?

ऊना : बाबा कालाधारी के बाद बाबा साहिब सिंह बेदी जी के पास ऊना किले की गद्दी आई । बाबा साहिब सिंह बेदी जी और महाराज रणजीत सिंह के बीच आत्मीयता का रिश्ता था| कहते है, महाराज रणजीत सिंह के खिलाफ बहुत से षड्यंट रचे गए और जब महाराज रणजीत सिंह 12 वर्ष की आयु के थे, तो उनके खिलाफ उनके मारने का षड्यंत्र रचा गया ।
तब बाबा साहिब सिंह बेदी के आशीर्वाद से वो षड्यंत्र असफल हो गया था और महाराजा रणजीत सिंह को विशेष आशीर्वाद बाबा साहिब सिंह बेदी जी ने दिया था । बाबा जी के आशीर्वाद के कारण महाराजा रणजीत सिंह उनके पास अक्सर हाजरी भरा करते थे |
एक कथा के अनुसार बाबा साहिब सिंह बेदी जी से जब भी किसी आशीर्वाद या किसी चमत्कार की बात कोई करता था, तब बाबा जी अपनी तर्जनी उंगली को ऊपर की तरफ उठा कर पंजाबी में कहा करते थे,_"ए सब उना दी माया है "यानी सब भगवान की माया है ।
उनके अनुयाई अब उना दी माया को बाबा बेदी जी की माया मानते थे और वो भी अनुसरण में "उना दी माया" शब्द ज्यादा उच्चारण करने लगे| इतिहास के पन्नो को खंगालने पर यही जानकारी मिली कि जिला ऊना का नामकरण इसी वजह से हुआ है ।
ज़िला ऊना के लिए अक्सर हम जैसे लिखारी कहते आए है *ऊना उना ही रहना लेकिन शायद इतिहास को जानने के बाद वो लोग भी इस लाइन को बदल लेंगे ।
पूरी बात का अर्थ ये हुआ ऊना का नामकरण का श्रेय बाबा साहिब सिंह बेदी जी को जाता है ।
बहुत से लोग आज भी ये आस्था जताते है कि बाबा साहिब सिंह बेदी आज भी ज़िला ऊना की रक्षा करते है और ऊना के चारों तरफ उनकी रूहानी ताकत पहरा देती है जिस बजह से ऊना पर कभी भी कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा नही आ सकती!!
सतनाम श्री वाहेगुरु ।।बाबा साहिब सिंह जी का दरबार ||
मोहित राय जसवाल की रिपोर्ट
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