थाना जनकपुरी पुलिस को मिली एक ओर बड़ी कामयाबी
थाना जनकपुरी पुलिस को मिली एक ओर बड़ी कामयाबी

सहारनपुर बहुचर्चित फर्जी मेडिकल प्रकरण में थाना जनकपुरी प्रभारी सनुज यादव के कुशल प्रयासो के चलते थाना जनकपुरी पुलिस ने अपनी निगरानी में महिला पर फर्जी एसिड अटैक निशान बनवाने व मेडिकल तैयार करने वाले डॉक्टर को लंबी जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
डॉक्टर बलराम दत्त शर्मा पर लगे सभी आरोपों को गहनता से जांच कर गिरफ्तारी की गई है। रुपए ऐंठने के लिए एसिड अटैक की फर्जी घटना बनाकर झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनाए जाने के आरोप में लगभग दो माह से थाना जनकपुरी पुलिस गहनता से जांच कर रही थी।
आरोप सिद्ध होने पर जिला अस्पताल के डॉक्टर बलराम दत्त शर्मा को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ज्ञात हो इससे पहले फर्जी मेडिकल बनाने वाले दलाल और महिला के ताऊ के लड़के व एक वकील को थाना जनकपुरी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसी कड़ी में थाना जनकपुरी पुलिस ने जिला अस्पताल के डॉक्टर बी डी शर्मा को गिरफ्तार किया है।
इंस्पेक्टर सनुज यादव ने बताया, महिला के ऊपर फर्जी एसिड अटैक की पटकथा लिखने वाले वकील तौसीफ के बाद डॉक्टर बी डी शर्मा की भी गहनता से जांच चल रही थी। आरोप सिद्ध होने पर गिरफ्तार कर लिया है।
ये था पूरा मामला वकील तौसीफ ने अपने मुंशी मसरुर और युवती के ताऊ के लड़के साथ मिलकर फर्जी एसिड अटैक की पटकथा लिखी थी। फिर जिला अस्पताल के एक दलाल फ़रजंद को पकड़कर फर्जी मेडिकल जिला अस्पताल के डॉक्टर बी डी शर्मा से तैयार कराया।
महिला अपने ससुरालियों को फंसाना चाहती थी । इसलिए एसिड के निशान युवती के शरीर पर बनवाए थे।थाना जनकपुरी क्षेत्र की सड़क दूधली गांव की एक महिला ने अपने ससुरालियों पर तेजाब डालने का आरोप लगाया था।
एसिड अटैक की पूरी कहानी महिला ताऊ के लड़के मुराद हुसैन ने वकील के मुंशी मसरुर ने मिलकर बनाई थी। पुलिस ने लड़की के ताऊ के लड़के मुराद हुसैन को कुछ दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर जैल भेज दिया था। योजना पूरा कराने और फर्जी मेडिकल बनवाने के लिए वकील तौसीफ के मुंशी मसरुर ने दलाल फ़रजंद को ठेका सौंप दिया।
दलाल फ़रजंद ने फर्जी मेडिकल भी बनवा दिया था। लेकिन पुलिस की जांच में सभी आरोप निराधार पाए गए। जांच की तो फर्जी मेडिकल बनाने के गिरोह का भंडाफोड हो गया था। थाना जनकपुरी पुलिस ने मेडिकल के आधार पर जांच की। जिला अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले।
पुलिस ने सीसीटीवी में पाया। महिला ठीक हालत में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दलाल फ़रजंद के साथ दाखिल हुई थी। पुलिस के अनुसार, ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉक्टर बी डी शर्मा की निगरानी में महिला को एक बाथरुम में ले जाकर तेजाब के निशान बनाए गए।
फरजंद की जिला अस्पताल में चिकित्सकों से अच्छी सेटिंग थी। जिस कारण वह चिकित्सकों के साथ मिलकर फर्जी मेडिकल बना दिया करता था। पिछले कई सालों से जिला अस्पताल में फर्जी मेडिकल बनाने का धंधा चल रहा है।
पैसों के बल पर अस्पताल के ऐसे डॉक्टरों के अपने निजी स्वार्थ के चलते फर्जी मेडिकल बनाने के धंधे में कई बेगुनाहों को जेल का मुंह भी देखना पड़ा होगा। ओर कई को बेगुनाहों को ऐसे ही फर्जी मेडिकल के चलते बड़ी धनराशि की चोट भी लगी होगी।
रिपोर्ट सोनु राणा
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