भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा 

भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा 

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भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा 
भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा 

केंद्रीय बजट को बेरोज़गार युवाओं के लिए निराशाजनक बताया-सरकार ने बजट में महंगाई कम करने और एमएसपी पर क़ानून बनाने का कोई ज़िक्र नहीं किया-उत्तर प्रदेश के लोगों को बजट से जो उम्मीदें थीं वह पूरी नहीं हुई।

 सहारनपुर किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा ने संसद में पेश हुए मोदी सरकार के केंद्रीय बजट को किसानों, बेरोज़गार युवाओं के साथ धोखा बताते हुए कहा कि ये बजट किसान विहीन है और इसे अलग अलग प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा ने कहा कि मनरेगा से गांव के मज़दूरों को लाभ मिलता है और देश की आधी से अधिक आबादी गांव में निवास करती है लेकिन बजट में मनरेगा के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। किसानों के लिए एमएसपी का वादा करके अब सरकार ने एमएसपी पर आंखें बंद कर ली है जो देश के किसानों के साथ धोखा है।

जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए प्रति व्यक्ति आय दुगनी हो जाने की घोषणा की है लेकिन उनसे देश का सवाल है कि ये आय किसकी दुगनी हुई है। ये आय अडानी और सरकार के चहेते कुछ पूंजीपतियों की ही दुगनी हुई है।

जिलाध्यक्ष राव कामिल राणा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों को बजट से जो उम्मीदें थीं वह अधूरी रही हैं। प्रदेश के लिए बजट के कोई खास योजना नहीं है। इस सरकार की विदाई के अब कुछ दिन ही बचे हैं। जनता निराश है और वह अगले वर्षों आम चुनाव में सरकार का जनता अपने वोट से हिसाब करेगी।

रिपोर्ट सोनु राणा

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