CM अशोक गहलोत ने खोला सरकारी नौकरी का पिटारा, 60,000 पदों पर होगी भर्ती, पढ़ें डिटेल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षा विभाग की 60 हजार पदों पर भर्ती करने का फैसला लिया है।

राजस्थान। बेरोजगारों को दिवाली (Diwali) पर बड़ा तोहफा मिला है। शिक्षा विभाग में बंपर भर्तियों का पिटारा खुला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलावर को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। बैठक में 60 हजार पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल शिक्षा में 60 हजार विभिन्न पदों पर शीघ्र भर्ती की जाएगी।
इनमें अध्यापक के 31 हजार, बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के 9862 वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के 295, व्याख्याता के 6000, द्वितीय श्रेणी अध्यापक के 10 हजार, अध्यापक (विशेष शिक्षा) के 1000 पुस्तकालय ग्रेड-द्वितीय के 460, शारीरिक शिक्षक ग्रेड-द्वितीय के 461, शारीरिक शिक्षक ग्रेड-तृतीय के 461 तथा प्रयोगशाला सहायक के 451 पद शामिल हैं।
वहीं पीटीआई ग्रेड-तृतीय भर्ती 2011 के 143 पदों तथा वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2016 के 444 पदों की प्रतीक्षा सूची शीघ्र जारी जाएगी। इसके साथ ही व्याख्याता भर्ती 2018 की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के भी सीएम अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं।
बैठक के दूसरे महत्वपूर्ण निर्णयों की अगर बात करें तो शहरों में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालयों के प्रति लोगों का उत्साह देखते हुए इन विद्यालयों की संख्या बढ़ाने के लिए सर्वे करवाया जाएगा। जहां आवश्यकता होगी, वहां अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और खोले जाएंगे।
वहीं उच्च एवं स्कूल शिक्षा के निजी शिक्षण संस्थानों में फीस निर्धारण और अन्य समस्याओं के लिए राजस्थान राज्य शिक्षा नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह प्राधिकरण राज्य सरकार शिक्षण संस्थान के प्रबंधन तथा अभिभावक सहित अन्य सभी स्टेक होल्डर के हितों के संबंध में चर्चा कर उचित निर्णय लेगा।
बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक खिलाड़ियों और एनसीसी की तरह ही स्काउट गाइड एवं एनएसएस के विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने के लिए अलग से नियम बनाने की कार्रवाई की जाएगी।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तृतीय भाषा के 10 विद्यार्थी होने पर मांग के अनुरूप तृतीय भाषा जैसे संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी आदि भाषाओं के अध्ययन के लिए संबधित भाषा के शिक्षक के पद का आवंटन किया जाएगा।
खेलों को प्रोत्साहन देने एवं बच्चों में शारीरिक शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए शारीरिक शिक्षकों के पद बढ़ाने के लिए परीक्षण कराया जाएगा। साथ ही सरकारी एवं निजी क्षेत्र दोनों में शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
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